ऊटी लहसुन एक उच्च मूल्य वाली फसल है जो मुख्य रूप से तमिलनाडु, भारत में नीलगिरी के पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जाती है। यह अपने उच्च गुणवत्ता, तीखे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। ऊटी लहसुन में एक विशिष्ट स्वाद और सुगंध होती है, और इसका उपयोग विभिन्न पाक तैयारियों में किया जाता है।
नीलगिरी की जलवायु और ऊंचाई लहसुन की खेती के लिए अनुकूल है। इस क्षेत्र में 15-20 डिग्री सेल्सियस के औसत तापमान के साथ एक शांत और नम जलवायु है। इस क्षेत्र में लहसुन की फसल की खेती आम तौर पर सितंबर से अप्रैल तक होती है।
ऊटी लहसुन जैविक खेती के तरीकों का उपयोग करके उगाया जाता है, जिसमें गाय के गोबर और खाद जैसे प्राकृतिक आदानों का उपयोग शामिल होता है। फसल आमतौर पर सब्जी के बगीचों और भूमि के छोटे भूखंडों पर द्वितीयक फसल के रूप में उगाई जाती है। ऊटी लहसुन की उपज बढ़ती परिस्थितियों और प्रबंधन प्रथाओं के आधार पर प्रति हेक्टेयर 6 से 10 टन तक भिन्न होती है।
ऊटी लहसुन मुख्य रूप से घरेलू बाजारों में बेचा जाता है, और इसकी सुगंध, स्वाद और गुणवत्ता के कारण इसकी मांग अधिक है। लहसुन का उपयोग विभिन्न पाक तैयारी में किया जाता है, और यह अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। फसल कीटों और बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होती है, और इस क्षेत्र के किसान उन्हें प्रबंधित करने के लिए विभिन्न प्राकृतिक उपचार और नियंत्रण उपायों का उपयोग करते हैं। कुल मिलाकर, नीलगिरी क्षेत्र में लहसुन की खेती क्षेत्र के कई छोटे पैमाने के किसानों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
रामगंजमंडी 20 मई 2023 धनिया आवक 16000 बोरी मार्केट 100 रु तेज।
ब्लेक रेन टच 3900 से 4400 रु बादामी रेड क्वालिटी 4500 से 4900 रु बादामी बेस्ट 5000 से 5500 रु ईगल 5550 से 6100 रु स्कुटर 6300 से 7000 रु रंगदार 7500 से 9500 बेस्ट ग्रीन 10000 से 13800 रु।
आवके धनिये की आज टोटल 16 से 17 हजार बोरी के आसपास बनी हुई रही। बाजार आज खुलने पर शुरुआत से ही 100 से 150 रु की तेजी के साथ खुले थे जो चालू ऑक्शन के दौरान 50 से 100 रु के अप-डाउन में चलते रहे व नीलामी के अंत मे जाकर 100 रु की तेजी के साथ ही बन्द हुए।
लेवाली आज कल की अपेक्षा अच्छी व ठीक दिखाई दी क्यो की आज आवके भी काफी घटकर आई थी जबकि पिछले कल का दो से ढाई हजार बोरी पेंडिंग माल भी आज की आवको में शामिल रहा था तेजी लगभग सभी मालो में बनी रही विशेषकर काले रेन टच माल कल की अपेक्षा आज 100 से 150 रु की तेजी पर बिके
वही अच्छे व बेस्ट रंगदार मालो में भी बाजार 200 रु की तेजी पर बने रहे तथा अन्य सभी क्वालिटी के मालो में बाजार ऑल-ऑवर 100 रु की तेजी के साथ हल्के सुधार पर बने हुए रहे।
रामगंज मंडी जो कि राजस्थान में स्थित एशिया की सबसे बड़ी धनिए की मंडी है ।
यह मंडी रामगंजमंडी शहर जिसकी दूरी राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 325 किलो मीटर है के मध्य में स्थित है यह 5000 हज़ार बोरी से लेकर 20000 हजार बोरी तक धनिया रोज़ाना बिक्री के लिए दूर दूर से आता है जिसकी नीलामी का कार्य सुबह-सुबह लगभग 8:00 बजे से शुरू हो जाता है।
रामगंज मंडी में सिर्फ़ धनिया ही नहीं बल्कि अन्य दूसरी फ़सले भी बिक्री के लिए बड़ी मात्रा में आती है जेसे कि सरसों , चना , इसबगोल , अजवाइन , असगंध , गेहूँ, मसूर , मक्का इत्यादि कई ओर फ़सलें क्रय-विक्रय के लिए आती है।
देश की कई बड़ी बड़ी मसाले बनाने वाली कम्पनियों के लिए धनिया यही से ख़रीदा जाता है जिसमें MDH कम्पनी मुख्य है