Know what was the price of Ashwagandha today
Analyze Crop Rate with Every Market
Compare Mandi Bhav
अश्वगंधा, जिसे भारतीय जिनसेंग के रूप में भी जाना जाता है, एक औषधीय जड़ी बूटी है जिसकी भारत में व्यापक रूप से खेती की जाती है। फसल के बारे में कुछ जानकारी यहां दी गई है:
1. जलवायु: अश्वगंधा एक कठोर फसल है जो जलवायु परिस्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला में बढ़ सकती है। यह 20 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के साथ एक गर्म और शुष्क जलवायु पसंद करता है।
2. मिट्टी: अश्वगंधा विभिन्न प्रकार की मिट्टी में बढ़ सकता है, लेकिन यह 7.5 से 8.0 की पीएच सीमा के साथ अच्छी तरह से सूखा रेतीला दोमट मिट्टी पसंद करता है।
3. रोपण: अश्वगंधा आमतौर पर फरवरी से मार्च के महीनों में लगाया जाता है। बीजों को सीधे खेत में 1-2 सेमी की गहराई पर और पंक्तियों के बीच 30 सेमी और पौधों के बीच 10 सेमी की दूरी पर बोया जाता है।
4. कटाई: बुवाई के 150-180 दिनों के बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। मिट्टी के कणों को हटाने के लिए जड़ों को सावधानी से खोदा जाता है और अच्छी तरह से धोया जाता है। जड़ों को फिर 7-10 दिनों के लिए धूप में सुखाया जाता है।
5. उपज: अश्वगंधा की औसत उपज लगभग 2-3 टन प्रति हेक्टेयर है।
अश्वगंधा एक उच्च मूल्य वाली फसल है जिसकी अपने औषधीय गुणों के कारण घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती मांग है।
रामगंजमंडी 24 फरवरी 2024 धनिया नया आवके 8000 बोरी मार्केट 100 से 150 रु तेज धनिया पुराना आवके 800 बोरी मार्केट स्टेन्ड पोजिशन।
धनिया नया गिला नीचे में 5050 रु से 6100 रु कम घट वाले 6200 रु से 6900 रु बादामी सूखा 6450 रु से 6900 रु ईगल सूखा माल 6950 से 7400 रु स्कूटर & रंगदार 7600 रु से 8500 रु बेस्ट रंगदार ऊपर में 10000 रु बिका।
धनिया पुराना हल्का चालू क्वालिटि 5400 से 5850 रु बदामी 6000 रु से 6300 रु ईगल 6350 रु से 6700 रु।
आवके धनिये की नये व पुराने की मिलाकर आज 8500 से 9000 बोरी के आसपास बनी हुई रही बाजार नये धनिये में बनी हुई आवकों में शुरुआत में स्टेन्ड तथा 100 रु की तेजी के साथ खुले थे जो चालू ऑक्शन के दौरान 100 रु के उतार-चढ़ाव के साथ चलते रहे व नीलामी के लास्ट में जाकर बाजार 100 से 150 रु की तेजी के साथ बन्द हुए तेजी मुखयतः कमघट के व सूखे फुल ड्राई वाले मालो में रही वही गीले मालो में बाजार सेम भावो पर बने रहे।
पुराने मालो की आवके आज भी कुल आवको में 700 से 800 बोरी के आसपास ही बनी रही बाजार समान भावो पर स्थिर पोजिशन पर बने रहे। लेवाली आज भी कल की तरह ही अच्छी बनी हुई रही आज आई आवको में भी लोगिया की शिकायत वाले माल काफी ढेरियां देखने को मिली वही आज कुछ अच्छे कलर वाले मालो की ढेरियां भी देखने को मिली जो 8000 रु से ऊपर में 10000 रु तक बिके।
ऑल-ऑवर बाजार आज पुराने व नये गीले मालो में स्टेन्ड भावो पर तथा नये सूखे व ड्राई टाइप के मालो में 100 से 150 रु की तेजी के साथ हल्के सुधार पर बने हुए रहे।
रामगंज मंडी जो कि राजस्थान में स्थित एशिया की सबसे बड़ी धनिए की मंडी है ।
यह मंडी रामगंजमंडी शहर जिसकी दूरी राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 325 किलो मीटर है के मध्य में स्थित है यह 5000 हज़ार बोरी से लेकर 20000 हजार बोरी तक धनिया रोज़ाना बिक्री के लिए दूर दूर से आता है जिसकी नीलामी का कार्य सुबह-सुबह लगभग 8:00 बजे से शुरू हो जाता है।
रामगंज मंडी में सिर्फ़ धनिया ही नहीं बल्कि अन्य दूसरी फ़सले भी बिक्री के लिए बड़ी मात्रा में आती है जेसे कि सरसों , चना , इसबगोल , अजवाइन , असगंध , गेहूँ, मसूर , मक्का इत्यादि कई ओर फ़सलें क्रय-विक्रय के लिए आती है।
देश की कई बड़ी बड़ी मसाले बनाने वाली कम्पनियों के लिए धनिया यही से ख़रीदा जाता है जिसमें MDH कम्पनी मुख्य है