मिर्च को नियमित रूप से पानी देने की आवश्यकता होती है, खासकर फूलों और फलने के चरणों के दौरान। भारत में, मिर्च के लिए आवश्यक पानी की मात्रा जलवायु और मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करती है। आम तौर पर, मिर्च को प्रति सप्ताह लगभग 1-2 इंच पानी की आवश्यकता होती है, या तो वर्षा या सिंचाई के माध्यम से। हालांकि, ओवरवाटरिंग से बचना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जड़ सड़न और अन्य बीमारियां हो सकती हैं। मौसम की स्थिति और मिट्टी की नमी के स्तर के आधार पर सप्ताह में एक या दो बार मिर्च को गहराई से पानी देने की सिफारिश की जाती है। जलभराव को रोकने के लिए उचित जल निकासी सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।
मिट्टी के प्रकार, मौसम की स्थिति और मिर्च के विकास के चरण के आधार पर पानी की आवृत्ति और मात्रा भिन्न हो सकती है। सामान्य तौर पर, रेतीली मिट्टी को अधिक बार पानी देने की आवश्यकता होती है, जबकि मिट्टी की मिट्टी लंबे समय तक नमी रख सकती है। गर्म और शुष्क मौसम के दौरान, मिर्च को मुरझाने और तनाव को रोकने के लिए अधिक बार पानी की आवश्यकता हो सकती है। गर्मी के कारण वाष्पीकरण और पानी के नुकसान से बचने के लिए सुबह या शाम मिर्च को पानी पिलाना भी महत्वपूर्ण है।
सारांश में, मिर्च को मिट्टी और मौसम की स्थिति के आधार पर प्रति सप्ताह लगभग 1-2 इंच नियमित पानी की आवश्यकता होती है। जलभराव को रोकने के लिए ओवरवाटरिंग से बचना और उचित जल निकासी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। मिट्टी के प्रकार, मौसम की स्थिति और मिर्च के विकास के चरण के आधार पर पानी की आवृत्ति और मात्रा भिन्न हो सकती है।
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