Know what was the price of Soyabean today
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सोयाबीन भारत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है। यह मुख्य रूप से गर्मियों के मौसम (खरीफ फसल) के दौरान देश के मध्य और पश्चिमी हिस्सों में उगाया जाता है। भारत में प्रमुख सोयाबीन उगाने वाले राज्य मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं।
सोयाबीन को अच्छी उर्वरता और 6.0-7.5 की पीएच सीमा के साथ अच्छी तरह से सूखा मिट्टी की आवश्यकता होती है। फसल जून-जुलाई में बोई जाती है और अक्टूबर-नवंबर में काटी जाती है। सोयाबीन एक फलीदार फसल है जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन को ठीक करती है, जो इसे मिट्टी की उर्वरता प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बनाती है।
सोयाबीन का उपयोग तेल और खाद्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है। सोयाबीन के बीज से निकाले गए तेल का उपयोग खाना पकाने के लिए, स्नेहक के रूप में, और साबुन, सौंदर्य प्रसाधन और दवाओं के निर्माण में किया जाता है। सोयाबीन का उपयोग पशु फ़ीड में प्रोटीन के स्रोत के रूप में और टोफू, सोया दूध और सोया सॉस जैसे विभिन्न खाद्य उत्पादों के निर्माण में भी किया जाता है।
भारत में सोयाबीन की पैदावार 800-1200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से भिन्न होती है। भारत सरकार सोयाबीन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को विभिन्न सब्सिडी और प्रोत्साहन प्रदान करती है। हालांकि, सोयाबीन की खेती कीट और रोग प्रबंधन और बाजार में उतार-चढ़ाव जैसी कुछ चुनौतियों से भी जुड़ी हुई है।
रामगंजमंडी 02 मई 2024 धनिया आवके 25000 बोरी मार्केट स्टेन्ड & 50 से 100 मंदा।
धनिया बादामी 6200 रु से 6550 रु ईगल 6800 से 7400 रु स्कूटर 7600 रु से 8200 रु सिंगल पैरट 8500 रु से 9500 रु डबल पैरट 10000 रु से 11300 रु बेस्ट ग्रीन 12000 रु से 14000 रु स्पेशल ग्रीन 15000 रु से 17500 धनिया पुराना 5600 रु से 6500 रु।
आवके धनिये की आज 24 से 25 हजार बोरी के आसपास बनी हुई रही बाजार बड़ी हुई आवको में आज निर्धारित समय से लगभग 1 घण्टे की देरी से खुले जिसमे भी नीलामी व्यापारिक गतिरोध के कारण लेवाल शुरुआत में काफी कम व नाम मात्र के रहे
जिसके चलते बाजार खुलते से 100 से 150 रु की मंदी के साथ खुले थे जिनमे व्यापारिक गतिरोध के लगभग 2 घण्टे के बाद बनी सहमति के उपरांत सभी प्रमुख लेवालो के आने के बाद बाजार पुनः रिकवर होकर स्टेन्ड पोजिशन पर बने नजर आए जो लगभग पूरी नीलामी के दौरान 50 से 100 रु के अप-डाउन दिखाते हुए देर शाम समाप्त हुई
नीलामी के बाद स्टेन्ड तथा 50 से 100 रु की मंदी के साथ बंद हुए तथा नीलामी रुकने तक 20 हजार बोरी के लगभग माल बिक गया था व लगभग 4 से 5 हजार बोरी माल समय की कमी के चलते नही बिक पाने से पेंडिंग रह गया।
ऑल-ऑवर बाजार आज लगभग सभी मालो में कहि समान तो कही-कहि पर कुछ मालो में क्वालिटि अनुसार 50 से 100 रु की मंदी पर बने हुए रहे।
रामगंज मंडी जो कि राजस्थान में स्थित एशिया की सबसे बड़ी धनिए की मंडी है ।
यह मंडी रामगंजमंडी शहर जिसकी दूरी राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 325 किलो मीटर है के मध्य में स्थित है यह 5000 हज़ार बोरी से लेकर 20000 हजार बोरी तक धनिया रोज़ाना बिक्री के लिए दूर दूर से आता है जिसकी नीलामी का कार्य सुबह-सुबह लगभग 8:00 बजे से शुरू हो जाता है।
रामगंज मंडी में सिर्फ़ धनिया ही नहीं बल्कि अन्य दूसरी फ़सले भी बिक्री के लिए बड़ी मात्रा में आती है जेसे कि सरसों , चना , इसबगोल , अजवाइन , असगंध , गेहूँ, मसूर , मक्का इत्यादि कई ओर फ़सलें क्रय-विक्रय के लिए आती है।
देश की कई बड़ी बड़ी मसाले बनाने वाली कम्पनियों के लिए धनिया यही से ख़रीदा जाता है जिसमें MDH कम्पनी मुख्य है