यह बात है गाँव बोरदा की जहाँ आधा गाँव नदी के इस पार रहता है तो आधा गाँव नदी के दूसरी पार ,बारिश के समय जब नदी में पानी भर जाता है तब गाँव के दूसरी तरफ़ रहने वाले लोगों के लिए यह एक समस्या बन जाती है क्योंकि नदी के उस पार रहने वाले लोगों का बाक़ी गाँव से सम्पर्क पूरी तरह से टूट जाता है ।जब भी उन्हें किसी दैनिक वस्तु की ज़रूरत होती है तब उन्हें गाँव में आने के लिए 5km घूमकर अपने गाँव आना पड़ता है ।नदी में पुल नहीं होने के 200 मीटर की बजाय 5km घूमकर आना पड़ता है ।इसी समस्या के कारण बच्चे बारिश तथ सर्दी के समय में कई दिनो तक स्कूल नही जा पाते थे तथा किसान भी अपने खेत पर नही जा पाते थे । गाँव के लोगों ने कई बार इस समस्या से क्षेत्र के सभी पूर्व विधायको ,मंत्रियो ,तथा सरपंचो को अवगत कराया लेकिन किसी भी नेता ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया बजाय इस समस्या का निराकरण करने की जगह लोगों को चुनाव में झूटा आश्वासन देकर वोट लेते रहे तथा अपना स्वार्थ निकलते रहे । लेकिन आख़िर कार इतने समय तथा संघर्ष के बाद वर्ष 2020 में इस समस्या का निराकरण वर्तमान सरपंच उमेश जी पाटीदार के अथक प्रयासों से हो पाया उन्होंने इस समस्या को क्षेत्र के विधायक देवीलाल जी धाकड़ तथा क्षेत्र के सांसद सुधीर जी गुप्ता को अवगत कराया ।उन्होंने इस समस्या को गंभीरता से लिया तथा गाँव बोरदा का दौरा किया दौरा करने के बाद उन्होंने इस समस्या को ख़ुद अपनी आँखो से देखा उन्होंने इसे गम्भीर समस्या मानते हुए तुरंत निर्णय लिया तथा 10 लाख रुपए की राशि पुल के निर्माण के लिए स्वीकृत की जिसमें 5 लाख विधायक निधि तथा 5 लाख सांसद निधि से प्राप्त हुए।
राशि स्वीकृत होने के कुछ ही समय बाद पुल का निर्माण शुरू हो गया ।पुल का निर्माण का कार्य मई के आख़री सप्ताह में शुरू हुआ जो कि लगभग 20 जून 2020 तक पूरा हो गया।पुल का निर्माण पूरा होने पर सभी गाँव वासियों ने इस पर ख़ुशी जताते हुए गाँव के सरपंच श्री उमेश जी पाटीदार तथा क्षेत्र के विधायक देवीलाल जी धाकड़ का आभार व्यक्त किया।
स्त्रोत- महेश पाटीदार